Wo Inkaar Krte Hai,
Ikraar Ke Liye.
Nafrat Bhi krte Hai,
To Pyar Ke Liye.
Ulti Chaal Chalte Hai,
Ye Pyar Krne Wale.
Aankh Bhi Band Krte Hai,
Wo Bhi Deedar K liye.
Wednesday, 2 May 2018
WO INKAAR KRTE HAI
सुर्ख गुलाब सी तुम..
सुर्ख गुलाब सी तुम...
सुर्ख गुलाब सी तुम हो,
जिन्दगी के बहाव सी तुम हो,
हर कोई पढ़ने को बेकरार,
पढ़ने वाली किताब सी तुम हो।
तुम्हीं हो फगवां की सर्द हवा,
मौसम की पहली बरसात सी तुम हो,
समन्दर से भी गहरी,
आशिकों के ख्वाब सी तुम हो।
रहनुमा हो जमाने की,
जीने के अन्दाज सी तुम हो,
नजर हैं कातिलाना,
बोतलों में बन्द शराब सी तुम हो।
गुनगुनी धुप हो शीत की,
तपती घूप मैं छाँव सी तुम हो,
आरती का दीप हो,
भक्ति के आर्शीवाद सी तुम हों।
सारी उम्र तुजे लिखता रहे पवन,
हर सवाल के जवाब सी तुम हो।
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